भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है और देश के करोड़ों लोग हिंदी बोलते और समझते हैं। मात्राएँ और शब्द हिंदी भाषा की मूल बातें हैं जिनके बारे में हम सभी को पता होना चाहिए। खासकर जो लोग हिंदी भाषा सीखना चाहते हैं, उनके लिए मात्राओं की परिभाषा, उनके प्रतीक, प्रयोग और मात्राओं वाले शब्दों के बारे में जानना जरूरी हो जाता है। आज के लेख में हम जानेंगे कि हिंदी में कितनी मात्राएँ होती हैं, मात्राओं के प्रतीक, चार्ट, वर्कशीट और मात्राओं के प्रयोग की पूरी जानकारी।
स्कूल में छोटी कक्षाओं के बच्चों को भी हिंदी मात्राओं के बारे में पढ़ाया और पढ़ाया जाता है। हिंदी मात्राओं वाले शब्द लिखें? हिंदी मात्राओं का वर्कशीट चार्ट बनाएं? इस तरह का होमवर्क भी अक्सर शिक्षकों द्वारा बच्चों को दिया जाता है। आजकल जब बच्चे पढ़ाई के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करने लगे हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए इस लेख के माध्यम से हिंदी मात्राओं से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ नीचे साझा की गई हैं।
हिंदी मात्रा क्या होती है – Matra in Hindi
हिंदी में कितने स्वर हैं? यह जानने से पहले हमारे लिए यह समझना ज़रूरी है कि स्वर किसे कहते हैं? दोस्तों, हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई को अक्षर कहते हैं। हिंदी भाषा के शब्द अक्षरों के मेल से बनते हैं। अक्षर ऐसी ध्वनियाँ हैं जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता। ये ध्वनियाँ 2 प्रकार की होती हैं- स्वर और व्यंजन।
हिंदी व्याकरण के अनुसार कुल 11 स्वर होते हैं जो हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, री, ई, ऐ, ओ और औ। स्वरों के उच्चारण के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है उन्हें स्वर कहते हैं। स्वर अ के लिए कोई चिह्न नहीं है, इसलिए हिंदी में कुल 10 स्वर हैं जिनका उच्चारण और चिह्न आप नीचे देखेंगे।
स्वर | Hindi Matra |
---|
अ | कोई मात्रा नहीं |
आ | ा |
इ | ि |
ई | ी |
उ | ु |
ऊ | ू |
ऋ | ृ |
ए | े |
ऐ | ै |
ओ | ो |
औ | ौ |
हिंदी मात्राओं का प्रयोग
स्वरों का प्रयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
हिंदी में स्वर व्यंजन के साथ मिलकर अलग-अलग ध्वनियाँ बनाते हैं। ये ध्वनियाँ मिलकर शब्द बनाती हैं। स्वरों का सही प्रयोग शब्दों को सही अर्थ में पढ़ने और लिखने की कुंजी है।
स्वर | मात्रा | मात्रा से बना शब्द |
---|
अ | कोई मात्रा नहीं | अब |
आ | ा | क + ा + म = काम |
इ | ि | ि + म + ल = मिल |
ई | ी | ज + ी + प = जीप |
उ | ु | स + ु + र = सुर |
ऊ | ू | ज + ू + न = जून |
ऋ | ृ | व + ृ + क्ष = वृक्ष |
ए | े | अ + न + े + क = अनेक |
ऐ | ै | ब + ै + ल = बैल |
ओ | ो | ज + ो + क + र = जोकर |
औ | ौ | म + ौ + स + म = मौसम |
स्वरों वाले हिंदी शब्द – हिंदी मात्रा वाले शब्द
स्वर और व्यंजन मिलकर शब्द बनाते हैं। स्वरों को दर्शाने के लिए स्वर (प्रतीक) का उपयोग किया जाता है। नीचे हमने तालिका में आ, इ, ई, री, ई, ऐ, उ, ऊ, ओ और औ स्वरों से बने शब्दों का उल्लेख किया है।
आ (ा) की मात्रा वाले शब्द
शाम | काम | आम |
रात | जाल | नाम |
पान | चाल | हाथ |
नाक | धाम | साल |
भाला | आठ | माता |
आदत | लागत | सावन |
रावण | हलवा | जलवा |
तापमान | दरवाजा | मचलना |
सरकना | लटकाना | सदाचार |
छोटी इ (ि) की मात्रा वाले शब्द
किया | जिया | पिया |
फिर | गिर | सिम |
विष | जिला | पिन |
तिल | पिता | लिखा |
जिद | चित्र | गति |
विषय | विमान | किसान |
दलित | उचित | अनिल |
दिलदार | वितरण | किरदार |
गिरावट | सितंबर | शनिवार |
ई (ी) की मात्रा वाले शब्द
नदी | नीम | जीभ |
जीत | गीत | जली |
कभी | दही | वीर |
भीम | चाभी | बीज |
लकीर | जमीर | शरीर |
पीतल | शीतल | पीकर |
धीरज | नीरज | मछली |
जनवरी | तकलीफ | जगजीत |
मनमीत | सरकारी | नमकीन |
छोटे उ (ु) की मात्रा वाले शब्द
सुख | गुल | पुत्र |
झुक | सुन | तुम |
कुत्ता | युग | चुन |
पशु | अणु | कुल |
दुकान | सुमन | यमुना |
घुटन | सुलभ | धनुष |
अनुज | सुतली | जामुन |
मुलायम | मुस्कान | अनुभव |
ऊ (ू) की मात्रा वाले शब्द
भूल | खून | फूल |
भूत | दूध | आलू |
भालू | पूजा | दूजा |
जून | चूना | राजू |
सूजन | झूमर | लंगूर |
भूचाल | गूगल | मूरत |
मकबूल | चबूतरा | तरबूज |
फूलदान | राजपूत | कबूतर |
ऋ (ृ) की मात्रा वाले शब्द
कृष | मृत | नृत्य |
गृह | पितृ | वृधा |
पृथ्वी | भृगु | मृदा |
अमृत | सृजन | पृथक |
प्रवृति | पृथ्वी | तृष्णा |
अमृतसर | संस्कृत | कृत्रम |
वृंदावन | मृत्युदंड | ऋग्वेद |
ए (े) की मात्रा वाले शब्द
खेल | सेठ | जेल |
मेल | बेर | शेर |
सेब | लेख | मजे |
पेड़ | जेठ | लेना |
जेवर | घेवर | तेवर |
लेखक | चेहरा | सपने |
चेतक | नरेश | बेसन |
बेहतर | तेहरान | मेहनत |
ऐ (ै) की मात्रा वाले शब्द
पैसा | जैसा | तैसा |
नैना | सैर | मैल |
कैदी | चैत्र | जैन |
हैजा | कैद | कैरी |
सैनिक | बैठना | फैकना |
खैरात | गैलरी | बैठक |
तैरना | चैनल | सैंकंड |
खैरियत | कैप्सूल | खपरैल |
ओ (ो) की मात्रा वाले शब्द
चोर | खोल | पोल |
मोर | जोर | डोर |
रोटी | टोपी | मोती |
जोक | खोट | लोक |
फोन | छोटी | धोती |
ठोकर | खोपड़ी | सोहन |
बोतल | मोटर | चोकर |
धरोहर | अखरोट | दोपहर |
औ (ौ) की मात्रा वाले शब्द
शौक | खौफ | और |
दौर | कौन | मौन |
कौर | चौकी | फौजी |
चौक | गौरी | सौर |
हथौड़ा | मौलिक | मौसम |
गौरव | चौराहा | मकौड़ा |
दौलत | रौनक | जौहरी |
नौकरानी | सौदागर | मनमौजी |
अं ( ं) की मात्रा वाले शब्द
अंत | संत | कंस |
शंख | रंक | मंच |
चांटा | लंका | शंका |
अंग | चंदा | घंटा |
बंदर | पतंग | जंतर |
अंतर | अंगूर | लंगूर |
सिंदूर | अलंकार | संगठन |
अः ( ः) की मात्रा वाले शब्द
तप: | गजः | छः |
राजे: | प्रात: | पुनः |
शुभ: | नमः | यज्ञ: |
स्वत: | मुख्यतः | विरामः |
विजय | फलत: | निःसंदेह |
कलह: | ईश्वरः | विभक्तिः |
दुःसाहस | सांयकालः | भूर्भुवः |
FAQs
प्रश्न 1: हिंदी में कितने स्वर हैं?
उत्तर: हिंदी में कुल 12 स्वर हैं, जिनमें से स्वर 'अ' में कोई स्वर नहीं है।
प्रश्न 2: स्वरों का क्या महत्व है?
उत्तर: स्वर किसी शब्द के सही उच्चारण और अर्थ को स्पष्ट करते हैं। गलत स्वर का प्रयोग किसी शब्द के अर्थ को पूरी तरह बदल सकता है।
प्रश्न 3: हिंदी में स्वर 'इ' और 'इ' में क्या अंतर है?
उत्तर: स्वर 'इ' छोटा है और इसका चिह्न 'इ' है, जबकि स्वर 'इ' लंबा है और इसका चिह्न 'इ' है। उदाहरण: किला (इ), दीवार (इ)।
प्रश्न 4: हिंदी स्वर सीखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
उत्तर: हिंदी स्वर सीखने का सबसे अच्छा तरीका नियमित अभ्यास करना, स्वर वर्कशीट का उपयोग करना और हिंदी शब्दों के उच्चारण को ठीक से समझना है।
प्रश्न 5: स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है?
उत्तर: स्वरों को स्वतंत्र रूप से बोला जा सकता है, जैसे अ, इ, उ, जबकि व्यंजन का उच्चारण स्वरों के बिना नहीं किया जा सकता, जैसे क, ग, प। व्यंजनों को सही उच्चारण के लिए स्वरों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 6: स्वरों का प्रयोग कब और कैसे किया जाता है?
उत्तर: स्वरों का प्रयोग तब किया जाता है जब स्वर किसी व्यंजन के साथ जुड़ जाता है। इससे सही शब्द का निर्माण और उच्चारण होता है, जैसे 'क' + 'अ' = 'का', 'ग' + 'इ' = 'गी'।
प्रश्न 7: स्वरों के गलत प्रयोग से क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: स्वरों के गलत प्रयोग से शब्द का अर्थ और उच्चारण दोनों बदल जाते हैं। जैसे "फल" का अर्थ फल होता है, जबकि "फूल" का अर्थ वह होता है जो पौधे पर खिलता है।
प्रश्न 8: स्वरों वाले हिंदी शब्द कैसे बनते हैं?
उत्तर: हिंदी में स्वरों वाले शब्द स्वरों और व्यंजनों को मिलाकर बनते हैं। स्वरों के साथ सही स्वरों का प्रयोग करने से व्यंजन एक पूर्ण शब्द में बदल जाते हैं।
प्रश्न 9: क्या स्वरों के बिना कोई शब्द बनाया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, कुछ शब्द स्वरों के बिना भी बनते हैं, जैसे 'अमृत', 'अनिल'। लेकिन ज़्यादातर शब्दों में स्वरों का इस्तेमाल अनिवार्य है।
प्रश्न 10: बच्चों को हिंदी स्वर कैसे सिखाएँ?
उत्तर: बच्चों को हिंदी स्वर सिखाने के लिए वर्कशीट, चार्ट और गेम का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, नियमित अभ्यास और सही उच्चारण पर ज़ोर देना भी ज़रूरी है।